राजस्थान हाई कोर्ट ने आबकारी विभाग की ओर से रिन्यू किए गए लाइसेंस को रद्द करने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार शराब दुकानदारों के लाइसेंस रिन्यू नहीं कर सकती। अगर दुकानदार लाइसेंस रिन्यू नहीं कराना चाहते हैं तो विभाग लाइसेंस रिन्यू काआदेश थोप नहीं सकता। लाइसेंसधारी दुकानदारों की याचिका पर हाई कोर्ट ने आदेश दिए कि एक साल पहले दुकानदारों की ओर से जमा कराई गई सिक्योरिटी राशि को ४ सप्ताह में वापस लौटाएं। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के\ १३ मार्च, २०२४ के उस आदेश को मनमाना व अवैधानिक मानते हुए रद्द कर दिया है, जिसमें मौजूदा लाइसेंसधारकों से ३० जून, २०२४ तक शराब की दुकानें संचालन करने के लिए कहा था। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ताओं का गारंटी सहित अन्य मद में जो भी पैसा जमा है, वह भी चार सप्ताह में उन्हें लौटाए। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने इस राशि पर ब्याज भुगतान करने को कहा है. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश कृष्णा शर्मा व २७५ अन्य की याचिकाओं को मंजूर करते हुए दिए। मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी माथुर ने बताया कि राज्य सरकार की नई आबकारी नीति २०२४-२५ के तहत जब शराब की दुकानें नहीं उठीं, तो राज्य सरकार ने मौजूदा लाइसेंसधारकों को ही जबरन ३० जून की अवधि तक शराब कीदुकानें संचालित करने का आदेश दिया। इसे चुनौती देते हुए कहा कि उनका राज्य सरकार से ३१ मार्च तक का ही अनुबंध है और उनके चाहने पर ही लाइसेंस का नवीनीकरण आगे की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। हर साल नए वित्त वर्ष में आबकारी विभाग की ओर से शराब की दुकानों के नए लाइसेंस जारी किए जाते हैं। पहले लॉटरी से दुकानों का आवंटन होना था, लेकिन पिछले साल से लॉटरी के बजाय बोली लगाकर शराब की दुकानों का आवंटन किया गया। मौजूदा वित्त वर्ष (२०२४-२५) के शुरू होने से पहले आबकारी विभाग ने नए लाइसेंस की प्रक्रिया नहीं अपनाई और पुराने दुकानदारों के लाइसेंस आगामी तीन महीनों के लिए रिन्यू कर दिए। अधिकतर दुकानदार लाइसेंस रिन्यू नहीं कराना चाहते थे। इसके बावजूद भी विभाग ने लाइसेंस रिन्यू कर दिए। आबकारी विभाग के इस फैसले के खिलाफ दुकानदारों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई। इस याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस महेंद्र गोलत की एकलपीठ ने लाइसेंस रिन्यू के आदेश रद्द कर दिए। याचिकाकर्ता कृष्णा शर्मा और अन्य की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए जस्टिस महेंद्र गोयल ने कहा कि लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद अगर कोई दुकानदार लाइसेंस रिन्यू नहीं कराना चाहता तो आबकारी विभाग उन पर जबरन आदेश नहीं थोप सकता। कोर्ट ने आबकारी विभाग को निर्देश दिए हैं कि आगामी ४ सप्ताह में सभी लाइसेंस धारी दुकानदारों को उनकी अमानत राशि (सिक्योरिटी) लौटाई जाए। अगर ऐसा नहीं किया तो बाद में ६ प्रतिशत ब्याज सहित राशि लौटानी होगी।