मध्य प्रदेश में नई शराब नीति के तहत एक नई श्रेणी जोड़ी गई है, जिसमें केवल बीयर, वाइन और आरटीडी (रेडी-टू-ड्रिंक) उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी गई है। इस नीति के चलते बीयर की खपत में 75% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे शराब कारोबारियों में उत्साह देखा जा रहा है।
नई नीति के फायदे
- नई श्रेणी के बार लाइसेंस की फीस पहले की तुलना में आधी कर दी गई है।
- इसका संचालन क्षेत्र भी छोटा रखा गया है, जिससे छोटे व्यापारी भी इस व्यवसाय में निवेश कर सकते हैं।
- केवल वही शराब परोसी जा सकेगी, जिसमें अल्कोहल की मात्रा 10% या उससे कम होगी।
बीयर की बढ़ती मांग
पिछले पांच वर्षों में बीयर की खपत में 75% की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं में बीयर पीने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। आबकारी विभाग के अनुसार, कई कारोबारी इस नई नीति में दिलचस्पी दिखा रहे हैं और लाइसेंस लेने के लिए आगे आ रहे हैं।
शराब बिक्री के आंकड़े
- 2023-24 में देसी और विदेशी शराब की कुल बिक्री 2,200 लाख प्रूफ लीटर दर्ज की गई।
- इसी दौरान बीयर की बिक्री 1,900 लाख बल्क लीटर तक पहुंच गई।
बार लाइसेंस की नई श्रेणियां
नई नीति के तहत विभिन्न प्रकार के बार लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- एक दिन का लाइसेंस
- रेस्तरां बार
- होटल बार
- रिजॉर्ट बार
- सिविलियन बार
- व्यावसायिक बार
इस नई शराब नीति के चलते हल्के अल्कोहल वाले पेय पदार्थों की खपत और बढ़ने की संभावना है। यह नीति कारोबारियों के लिए नए अवसर पैदा कर रही है और युवाओं के बीच बीयर पीने के ट्रेंड को भी बढ़ावा दे सकती है