उत्तर प्रदेश में मदिरा, वाइन और बीयर देश के अन्य राज्यों से अधिक खपत होती है। देशी विदेशी और बीयर आदि की प्रदे और उसके बाहर की लगभग ११० कंपनियांवर्ष २०२४-२५ में अपने उत्पाद राज्य में बेच रही हैं। इसके लिए सभी कंपनियों ने अपने ब्रांड / लेबुल राज्य सरकार की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड कराये हैं। बीयर की लगभग २७ कंपनियों ने अपने ब्रांड रजिस्टर्ड कराये हैं। एबी इनबेव ने लगभग ४० ब्रांडों और बीरा ने ९५ ब्रांडों का रजिस्ट्रेशन कराया है। यूबी और कार्ल्सबर्ग ने लगभग एक दर्जन ब्रांड अनुमोदित कराये हैं। मोहन गोल्डवॉटर, वेव, वैलोप, वैरागी, मोहन मीकिन, मानव और सेंट्रल ब्रुअरी ने भी अपने ब्रांडों को बेचने के लिए उतारा है। के बाहर अन्य राज्यों और आयातित बीयर ब्रांड भी उपलब्ध है। बीयर की बिक्री ग्लास, वैâन और केग में किया जा रहा है। कुछ कंपनियां एबी इनबेव, बी-९, दीवान्स और वैलोप आदि केग में बीयर आपूर्ति कर रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार वाइन को बढ़ावा देने की पॉलिसी बनाई है। प्रदेश में ५ वाइनरी स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं। प्रदेश के बाहर की ७ कंपनियों ने लगभग ८० ब्राण्डों का रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके अतिरिक्त देश के बाहर से आयातित ब्रांडों का भी रजिस्ट्रेशन हुआ है। सुला वाइन्स ने २५, प्रâटेली ने २६ और ग्रेप सिटी ने लगभग १५ ब्रांडों का रजिस्ट्रेशन कराया है। वाइन पेट और ग्लास के बोतलों में उपलब्ध है। प्रâटेली की सबसे महंगी बोतल १७३० रुपये और सुला की १४८० रुपये में है। राज्य में सबसे अधिक मांग देशी मदिरा की होती है। प्रदेश की २० कंपनियां देशी मदिरा के ब्रांड रजिस्टर्ड कराये हैं। देशी मदिरा २५ प्रतिशत और ३६ प्रतिशत तीव्रता के अलावा ४२.८ प्रतिशत की यूपीएमएल में उपलब्ध है। प्रदेश की दो सबसे अधिक देशी शराब आपूर्ति करने वाली कंपनियां आईजीएल और रेडिको खेतान हैं। आईजीएल ने २३ ब्रांड और रेडिको की रामपुर इकाई ने १७ ब्रांडों का रजिस्ट्रेशन कराया है। वेब ने लगभग एक दर्जन और सुपीरियर ने १७ ब्रांड रजिस्टर्ड कराये हैं। शादी लाल ८, लार्ड्स ४ और रेडिको सीतापुर ने १८ ब्रांड कराये हैं। देशी मदिरा के अन्य उत्पादकों में दौराला ११, फारएवर ५, त्रिवेणी १२, केएम ९, धामपुर बायो ७, धामपुर बिजनौर ५ और मनकापुर ने तीन ब्रांडों को रजिस्टर्ड कराया है। देशी मदिरा ग्लास, पेट और एसेप्टिक ब्रिक पैक में उपलब्ध है। मदिरा भले ही देशी शराब से कम बिकती है लेकिन उत्तर प्रदेश में ५० से अधिक कंपनियों ने अपने ब्रांड रजिस्टर्डकराकर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया है। प्रदेश में स्थित रेडिको खेतान सबसे अधिक ब्राडों के साथ प्रमुख विदेशी मदिरा की विक्रेता कंपनी है। इसने अपने दोनों यूनिट मिलाकर लगभग १०० ब्रांडों का रजिस्ट्रेशन कराया है। स्थानीय कंपनी मोहन मीकिन ने ३६ और आइजीएल २८ ब्रांड के मदिरा की बिक्री कर रही है। मालब्रोस १५, सिंभौली ३१, सर शादीलाल २५ और वेब ने १६ ब्रांडों का रजिस्ट्रेशन कराया है। यूएसएल ५८, परनॉड रिकॉर्ड आयातित और भारतीय ब्रांड मिलाकर ५० बांड रजिस्ट्रेशन कराया है। एडीएस १३ और मोदी २२ ब्रांड की मदिरा उपलब्ध करा रही है। प्रदेश के बाहर की कंपनी ग्लोबस स्प्रिट ने ३७, एल्कोबेव १६, एबीडी १५ तथा बकार्डी १८ ब्रांडों के रजिस्ट्रशन कराये हैं। देश के बाहर की कपंनी बीम ग्लोबल ३१, पैरू टू नाईट ७० तथा गोल्डेन मोमेंट आदि कंपनियां भी अपने सैकड़ो ब्रांड की मदिरा बीयर और वाइन लेकर प्रदेश के बाजार में उपलब्ध है। आयातित मदिरा में सीग्राम लांगीट्यूड सिंगल माल्ट ७५० एमएल ४६५० रुपये, टीचर हाईलैण्ड १००० एमएल २३५० रुपये और टीचर्स गोल्डेन १८० एमएल २५२० रुपये में मिल रहा है।
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