अपनी खासियत की वजह से रामपुर सिग्नेचर रिजर्व भारत की सबसे महंगी और शानदार सिंगल माल्ट व्हिस्की बन गई, जिसकी कीमत ५ लाख रुपये प्रति बोतल है। रामपुर सिग्नेचर रिजर्व को रेडिको खेतान की रामपुर द्वारा उच्च स्तर की दक्षता और विशिष्टता के साथ बनाया गया है। इस सिंगल माल्ट व्हिस्की का लिमिटेड एडीशन ही लांच किया गया है। इसकी केवल ४०० बोतलें ही बिक्री के लिए बनाई गई, जिसमें से केवल दो बोतलें बची हैं। द तत्व डॉट इन नाम की वेबसाइट के अनुसार रेडिको खेतान ने रामपुर डिस्टिलरी की ७५वीं सालगिरह पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में रामपुर सिंगल माल्ट व्हिस्की का एक बहुत ही शानदार एडीशन पेश किया था। इस विशिष्ट व्हिस्की को भारत की कठोर बदलती जलवायु में अमेरिका के स्टैंडर्ड ओक बैरल में रखा गया। व्हिस्की को सूक्ष्मता और विशेषज्ञता के साथ तैयार किया गया। यह भारत में बनी सबसे पुरानी माल्ट व्हिस्की में से एक है। फिर चार विशिष्ट पीपों को चुना गया और इसे मेच्योर होने के लिए स्पेन के जेरेज में पीएक्स शेरी बट्स में रखा गया। लिमिटेड एडीशन बोतलों पर रामपुर के मास्टर मेकर और और चेयरमैन डॉ. ललित खेतान के ऑटोग्राफ हैं।
कम कीमत पर भी है बेहतरीन व्हिस्की
रामपुर के भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की कलेक्शन में शराब के उपभोक्ताओं के हर वर्ग के लिए कुछ ना कुछ है। कुछ व्हिस्की के दाम कम मूल्य सीमा के अंदर हैं। रामपुर सेलेक्ट की शुरुआत १४,००० रुपये प्रति बोतल से होती है। इस व्हिस्की ने सैन प्रâांसिस्को वर्ल्ड वाइन एंड स्पिरिट्ज अवार्डस में डबल गोल्ड जीता था। इसके पीएक्स शेरी एडीशन की कीमत १२,०० रुपये प्रति बोतल है। जबकि रामपुर डबल कास्क की कीमत सबसे कम ८५०० रुपये प्रति बोतल है। रामपुर असवा को २०२३ में न्यूयार्क में वर्ल्ड की सर्वश्रेष्ठ व्हिस्की का जॉन बार्लेकार्न अवार्ड मिला था। इसकी कीमत १०,००० रुपये प्रति बोतल है। रामपुर त्रिगुण की कीमत १७.००० रुपये प्रति बोतल और रामपुर जुगलबंदी की कीमत ४०,००० रुपये प्रति बोतल है।
सिंगल माल्ट व्हिस्की
सिंगल माल्ट वह व्हिस्की होती है जिसे एक ही डिस्टिलरी में केवल माल्टेड जौ से बनाया जाता है। माल्टेड जौ को पहले अंकुरित किया जाता है, फिर सुखाया जाता है और बाद में मैश करके पकाया जाता है। इस प्रोसेस में जौ में स्टार्च को शर्करा में तब्दील किया जाता है। जो बाद में फर्मेंटेशन प्रोसेस के दौरान अल्कोहल में परिवर्तित हो जाता है। सिंगल माल्ट व्हिस्की को अमूमन ओक बैरल में मेच्योर किया जाता है। मेच्योर होने के इस प्रोसेस के दौरान व्हिस्की का ओक के साथ अंतरंग रिश्ता बनता है। जिससे इस व्हस्की के ख़ास नोट्स और फ्लेवर्स बनते हैं। इसकी मेच्योरिटी का टाइम कम से कम तीन साल और अधिक से अधिक कितने साल का भी हो सकता है। जितनी ़ज्यादा मेच्योरिटी, उतना ही ़ज्यादा दाम। हाल ही में मुंबई ड्यूटी प्रâी में बोमोर १९६५ की एक बॉटल ४२ लाख रुपये में बिकी थी। जाहिर है, सिंगल मॉल्ट के चाहने वालों की कमी नहीं है। रामपुर सिग्नेचर रिजर्व ने इस बात को एक फिर साबित कर दिया है।
१०२ से ज्यादा देशों में बिकते हैं ब्रांड
रेडिको भारत में आईएमएफएल के सबसे पुराने और सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। पहले रामपुर डिस्टिलरी कंपनी के रूप में जानी जाने वाली रेडिको ने १९४३ में अपना ऑपरेशन शुरू किया। पिछले कुछ वर्षों में वह अन्य स्पिरिट निर्माताओं के लिए एक प्रमुख थोक स्पिरिट सप्लायर और बॉटलर के रूप में उभरा। १९९८ में कंपनी ने ८ पीएम व्हिस्की की शुरुआत के बाद अपना खुद का ब्रांड शुरू किया। यह भारत के अल्कोहलिक पेय पदार्थों के सबसे बड़े एक्सपोटर्स में से एक है, जिसके ब्रांड १०२ से अधिक देशों में उपलब्ध है।
केवल दो बोतलें बची हैं बिक्री के लिए
रेडिको खेतान के प्रबंध निदेशक (एमडी) अभिषेक खेतान ने कहा, ‘हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि रामपुर सिग्नेचर रिजर्व की केवल ४०० बोतलें ही बनाई गई थीं, जिसमें से महज दो बोतलें हैदराबाद में ड्यूटी प्रâी शॉप में उपलब्ध हैं। अभिषेक खेतान ने कहा, ‘यह केवल व्हिस्की नहीं है, बल्कि यह भारतीय हस्त कौशल और विरासत का प्रतिनिधित्व करती है। यह शराब के कद्रदानों और उसके कलेक्शन करने वालो को रेडिको खेतान की बेजोड़ गुणवत्ता का अनुभव करने के लिए इनवाइट करती है।
रेडिको ने किया १५० प्रतिशत डिविडेंड का ऐलान
ब्रेवरेज और डिस्टलरीज सेक्टर की रेडिको खेतान ने अपने तिमाही नतीजे जारी कर दिए हैं। वित्त वर्ष २०२३-२४ की चौथी तिमाही में कंपनी का मुनाफा २६.५ फीसदी बढ़ा, जबकि रेवेन्यू में ३० प्रतिशत का उछाल आया है। तिमाही नतीजे जारी करने के साथ ही कंपनी ने शेयरधारकों के लिए १५० प्रतिशत डिविडेंड का ऐलान किया है। स्टॉक १४ मई को ०.४९ फीसदी गिरकर १६०८.२५ के स्तर पर बंद हुआ। एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक वित्तीय वर्ष २४ की मार्च तिमाही में शराब बनाने वाली कंपनी ने ५४ करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। एक साल पहले समान तिमाही में मुनाफा ४२.६ करोड़ रुपये था। इस दौरान, कंपनी का रेवेन्यू ८३२ करोड़ रुपये से बढ़कर १,०७९ करोड़ रुपये हो गया। मार्च तिमाही में Eँघ्ऊDA ५५.१ फीसदी चढ़कर १२१ करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले समान तिमाही में Eँघ्ऊDA ७८ करोड़ रुपये था। सालाना आधार पर मार्जिन ९.४ प्रतिशत से उछलकर ११.२ प्रतिशत हो गया।