त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने एथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध हटाने के सरकार के निर्णय की सराहना की है। उन्होंने कहा कि गन्ने के सिरप और बी- हैवी मोलासेस से एथेनॉल उत्पादन पर सीमा हटाने का हालिया निर्णय भारत में एथेनॉल तरुण साहनी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का स्पष्ट संकेत है। यह नीति परिवर्तन चीनी मिलों को उपलब्ध फीडस्टॉक्स का अधिकतम उपयोग करने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करता है, जो 2025-26 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को प्राप्त करने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का प्रभावी ढंग से समर्थन करता है। गन्ने के सिरप और बी-हैवी मोलासेस जैसे विविध संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करके चीनी मिलें अब इस पहल को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
तरुण साहनी ने कहा कि इसके अलावा, अतिरिक्त फीडस्टॉक के रूप में 2.3 मिलियन टन एफसीआई चावल को शामिल करने से न केवल एथेनॉल उत्पादन की क्षमता का विस्तार होता है, बल्कि एथेनॉल आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता और अनुकूलनशीलता भी बढ़ती है। हाल ही में, सरकार ने चीनी मिलों और डिस्टिलरी को एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 के दौरान गन्ने के रस, बी-हैती मोलासेस और सी-हैवी मोलासेस से एथेनॉल का उत्पादन करने की अनुमति दी है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने पिछले प्रतिबंध को हटा दिया है और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के स्टॉक से 2.3 मिलियन टन चावल को अनाज आधारित एथेनॉल डिस्टिलरी को बेचने की अनुमति दी है।