Wednesday, July 2, 2025

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क्यूआर कोड लेबल होगा, अब स्पेशल फीचर युक्त

मदिरा उपभोक्ताओं को सही और गुणवत्ता वाली शराब उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार नये-नये प्रयोग करती रहती है। शराब दुकानों पर मिलने वाली शराब बोतलों पर क्यूआर कोड लगाने के पीछे भी सरकार की यही मंशा थी, परंतु अवैध मदिरा कारोबारी क्यूआर कोड की भी नकल कर इसकी बिक्री करने लगे थे। आबकारी विभाग कई बार छापे मारकर ऐसे बार कोड लगे बोतल और बार कोड बनाने की मशीनें भी जब्त कर चुकी हैं। आबकारी विभाग अब नये स्पेशल फीचर के साथ बार कोड जिसे एक्साइज एडहेसिव लेबल (ईएएल) कहा जाता है। बोतलों / कैन / टेट्रा पैक और पेटियों पर लगाने जा रही है। इस सम्बंध में 17 सितम्बर 2024 को आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने एक पत्र जारी कर सभी

मदिरा और बीयर उत्पादकों को यह निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि आईईएस सीएमएस परियोजना के तहत 26 सितम्बर के बाद सभी तरह के मदिरा, बीयर, वाइन और एलएबी के बोतलों पर नये फीचर युक्त एक्साइज एडहेसिव लेबल लगाकर ही उत्पादक आपूर्ति करेंगे। इस तरह के लेबल के लिए स्टेशनरी की आपूर्ति वर्तमान सर्विस प्रोवाइडर ओएसिस द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 26 सितम्बर से पुराने एडहेसिव लेबल का उपयोग नहीं किया जायेगा।

सर्विस प्रोवाइडर कंपनी 8 जुलाई से पायलट फेज के तहत बीयर की पूरी सप्लाई चेन में इसी तरह का स्पेशल फीचर युक्त स्टेशनरी की आपूर्ति कर रही है। शराब अथवा बीयर उत्पादक अब किसी भी निजी फर्म से इस तरह का स्टेशनरी अब नहीं ले सकते हैं। उत्पादक इकाईयों को ओएसिस द्वारा स्कैनर भी दिया गया है। आबकारी विभाग की स्टेट-वाइड गो-लाइव योजना के तहत अब उत्पादन से लेकर फुटकर बिक्री दुकान तक ऑनलाइन नियंत्रण हो जायेगा। ओएसिस द्वारा आपूर्ति किये गये ईएएल स्टेशनरी की क्वालिटी को लेकर उत्पादकों ने अपनी समस्याएं रखी हैं। उत्पादकों का कहना है कि ओएसिस द्वारा आपूर्ति किये गये स्टेशनरी की थिकनेस कम है। इसलिए इसके वेस्टेज जाने की अधिक संभावना है। ईएएल की प्रिंटिंग आबकारी अधिकारियों के संरक्षण में किया जाता है। इसलिए इसके दुरुपयोग की संभावना नहीं रह जाती है। आबकारीआयुक्त ने मदिरा के फुटकर समस्त प्रकार के दुकानों को भी 26 सितम्बर से क्यूआर कोड स्कैन करके ही बिक्री करने का आदेश दिया है। समस्त प्रकार की फुटकर दुकानों को ओएसिस द्वारा पॉश डिवाइस पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है। अभी तक कई फुटकर मदिरा के विक्रेता इंटरनेट और बिजली आदि की समस्या बताकर बिना स्कैन के भी बोतल बेच रहे थे। आबकारी के आईईएससीएमएस योजना के तहत अब विभागीय पोर्टल पर सब कुछ देखा जा सकेगा।

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