पंजाब में शराब के शौकीनों को अब अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि राज्य सरकार ने नई 2025-26 आबकारी नीति के तहत 874 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। इस बदलाव के चलते शराब की कीमतों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
क्या बदला नई नीति में?
- राज्य का कुल आबकारी राजस्व लक्ष्य 11,020 करोड़ रुपये तय किया गया है, जो पिछले साल से 874 करोड़ रुपये ज्यादा है।
- शराब ठेकों की संख्या घटाकर 236 से 207 कर दी गई है, जबकि कुल 6,374 शराब की दुकानें बनी रहेंगी। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा घटेगी, लेकिन कारोबारियों की कमाई बढ़ सकती है।
- अब हर तरह की शराब पर पहली बिक्री पर अतिरिक्त लाइसेंस शुल्क लगेगा, जिससे IMFL, आयातित व्हिस्की, वाइन, रम, वोडका और बीयर सभी महंगे होंगे।
कितनी बढ़ेगी कीमत?
- शराब के प्रकार और कीमत के आधार पर, प्रति बल्क लीटर 37 रुपये से 100 रुपये तक का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है।
- गौशालाओं के लिए विशेष लाइसेंस शुल्क में 50% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे अब शराब की बिक्री से गायों की देखभाल के लिए भी अधिक धन जाएगा।
नतीजा?
शराब प्रेमियों के लिए यह खबर बुरी हो सकती है, लेकिन सरकार के लिए यह नीति राजस्व बढ़ाने का एक बड़ा कदम है। नई नीति से छोटे कारोबारी प्रभावित हो सकते हैं, जबकि बड़े प्लेयर्स को फायदा मिल सकता है। वहीं, पंजाब शायद एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है जहां शराब पीने का पैसा सीधे गायों के कल्याण में योगदान देगा।