अलवर और खैरथल तिजारा जिले में चल रही 19 शराब और बीयर फैक्ट्री को बंद करने की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नोटिस जारी किया है। एक आरटीआई कार्यकर्ता हैदर अली की याचिका पर एनजीटी ने यह आदेश जारी किया है। वर्तमान में 6 शराब एवं बीयर की फैक्ट्री अलवर तहसील और 13 फैक्ट्री खैरथल-तिजारा व बहरोड़ जिले में चल रही हैं। मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 2 सितंबर तय की गई है।
एनजीटी की ओर से क्षेत्रीय कार्यालय केंद्रीय भूजल प्राधिकरण जयपुर, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जयपुर, जिला आबकारी अधिकारी अलवर, जिला आबकारी अधिकारी उत्पादन इकाइयां बहरोड और 19 शराब बीयर की फैक्ट्रियों को नोटिस दिया गया है। एनजीटी ने एक संयुक्त समिति का गठन किया है। इसमें केंद्रीय भूजल प्राधिकरण जयपुर, अलवर कलेक्टर और सदस्य सचिव, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक-एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। हैदर अली ने याचिका में कहा है कि अलवर, खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ जिले में आमजन बूंद- बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। वहीं, 19 शराब-बीयर की फैक्ट्री पानी का अति दोहन कर रही हैं। भूजल विभाग अलवर की आरटीआई में सामने आया कि अलवर जिले में संपूर्ण 14 पंचायत समिति (जिसमें पूर्व में बहरोड़ भी साथ में थी) अति दोहित डार्क जोन में थीं। इसके बाद बाद भी अधिकांश भूमिगत पानी शराब व बीयर फैक्ट्रियां खींच रही हैं। प्रदेश के कुल शराब उत्पादन का 60.31 प्रतिशत अकेले अलवर जिले में हो रहा है। अलवर, बहरोड़, नीमराणा, शाहजहांपुर एवं भिवाड़ी क्षेत्र में अभी 21 शराब व बीयर फैक्ट्रियां हैं।