आबकारी विभाग को अप्रैल माह में ३७५९.१२ करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। गत वर्ष इस दौरान ३३१३.४३ करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। गत वर्ष के सापेक्ष राजस्व में १३.४५ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देशी मदिरा में लगने वाले अभिकर से प्रदेश सरकार को अप्रैल में १७०६.६१ करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इस मद में विदेशी मदिरा से १०५०.८० तथा बीयर से ४९०.७० करोड़ रुपये अभिकर केरूप में प्राप्त हुए हैं। शेष राशि लाइसेंस फीस और अन्य प्रकार के शुल्क से संकलित किये गये हैं।
पेय अल्कोहल की खपत में आई कमी
अप्रैल २०२४ में गत वर्ष के सापेक्ष पेय मदिरा के निर्माण में अल्कोहल की कम खपत हुई है। विगत सत्र में इस दौरान ३७६.५९ लाख बल्क लीटर अल्कोहल इस मद में खपत हुआ था जबकि वर्तमान सत्र में ३४०.५६ लाख बीएल अर्थात ९.६ प्रतिशत कम खपत हुई है। राज्य में औद्योगिक अल्कोहल की खपत इस माह में १०.९ प्रतिशत बढ़ी है। अप्रैल माह में अल्कोहल के उत्पादन में मात्र ०.५ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अन्य राज्यों को भी अल्कोहल के निर्यात में ४.३ प्रतिशत की कमी आई है। गत वर्ष के ८०६.५६ लाख बीएल की अपेक्षा अप्रैल २०२४ में ७७१.५४ लाख बीएल के अल्कोहल का निर्यात किया गया है। इस मद में सबसे अधिक एथेनॉल का ही निर्यात किया गया है। अप्रैल माह में उत्पादन गत वर्ष के सापेक्ष ०.५ प्रतिशत ही अधिक है जबकि अप्रैल तक १५.३ प्रतिशत अधिक अल्कोहल बना है।
जल्द ही १९ करोड़ लीटर अल्कोहल की नई इकाईयां होंगी शुरू
राज्य में १९ नई इकाईयां तेजी से अल्कोहल उत्पादन के प्लांट लगा रही हैं। इन इकाईयों को प्रदेश सरकार की ओर से आसवनी स्थापना हेतु पीडी-३३ लाइसेंस दे दिया गया है। इन इकाईयों की स्थापना के बाद १८.९१ करोड़ लीटर अतिरिक्त अल्कोहल का उत्पादन होना शुरू हो जायेगा। नई इकाईयों में खीरी में ग्लोबस स्प्रिट्स ११.०२ करोड़ लीटर प्रति वर्ष अल्कोहल उत्पादन करेगी। गोरखपुर में केयान डिस्टिलरी १०.५०, बेस्ट ग्रुप सम्भल में ७.०, वाईटीटी शाहजहांपुर में ५.२८ तथा पीटीआई डिस्टिलरी मथुरा में ५.२५ करोड़ लीटर अल्कोहल का उत्पादन करेगी। प्रयागराज में महाकौशल कुशीनगर में रमाया डिस्टिलरी, मुजफ्फरनगर सी ओम दयाल एनर्जी, मुरादाबाद में पशुपति एक्रीलोन, बरेली में एलियांज, सीतापुर में नीलश्री, खीरी में गोयला डिस्टिलरी, मेरठ में आरसीपी, बाराबंकी में एसडीएसडी, बागपत में एसबीईसी तथा मुजफ्फरनगर में ट्रू वाटर बेवरेज की इकाईयों में निर्माण प्रक्रिया तेजी से जारी है। प्रदेश सरकार भी इन इकाईयों को निर्माण प्रक्रिया में आने वाली वैधानिक समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रही है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में इन इकाईयों के उद्घाटन की तैयारी करने के लिए अधिकारियों पर दबाव भी बनाया जा रहा है। जनपद में उद्योग और आबकारी के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इकाईयों को सभी सरकारी मदद उपलब्ध करायें जिससे इकाईयों में उत्पादन आरंभ हो सके।