तस्माक दुकानों से शराब की बोतल वापस लेने की योजना 2 वर्तमान में 10 जिलों में है। जल्द ही इसे अन्य जिलों में भी शुरू किया जायेगा। तमिलनाडु सरकार की तस्माक खुदरा दुकानों के माध्यम से बीयर और शराब बेचती है। नागरिक शराब पीते हैं और खाली बोतलें सड़कों पर फेंक देते हैं। इससे न केवल मवेशी बल्कि इंसान भी प्रभावित होते हैं। इसलिए तमिलनाडु के वन क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों में स्वच्छता बनाए रखने और वन्यजीवों को बोतलों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए तस्माक द्वारा यह योजना लागू की जा रही है।
इसके मुताबिक, 10 रुपये अधिक देकर शराब की एक बोतल खरीदने और उन खाली बोतलों को तस्माक दुकानों में वापस सौंपने पर 10 रुपये वापस दिया जा रहा है। पेरम्बलूर, कोयंबटूर, नागाई, तिरुवरूर, धर्मपुरी, थेनी, कन्याकुमारी जिलों में तस्माक दुकानों पर खाली शराब की बोतलें वापस ले ली जाती हैं। बोतल में शराब बेचने पर 10 रुपये अतिरिक्त वसूला जाता है। मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में आदेश दिया था कि पूरे तमिलनाडु में ‘तस्माक बोतल रिकॉल कार्यक्रम’ को लागू करने के लिए योजना बनाई जानी चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर तस्माक खाली बोतलों को वापस लेने के कार्यक्रम का विस्तार करने की योजना बना रहा है।
इस संबंध में तस्माक के एक अधिकारी ने बताया कि इस महीने से सभी जिलों में शराब दुकानों से खाली बोतलें वापस ली जाएंगी। यह योजना जनवरी में पूरी तरह से लागू हो जाएगी। माना जा रहा है कि अगर यह योजना पूरी तरह लागू हो गया तो वन्यजीवों को कोई नुकसान नहीं होगा। यह भी कहा जा रहा है कि लौटाई गई बोतलों की बिक्री से सरकार को 250 करोड़ रुपये की कमाई होगी। इस योजना को वापस ले लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे अनावश्यक विवाद हो रहा है। ग्राहकों के साथ और तस्माक दुकानों में खाली बोतलों को रखने के लिए कोई जगह नहीं है। गौरतलब है कि तस्माक कर्मचारी यूनियनों ने इस पर विरोध जताया था।