Tuesday, June 10, 2025

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पॉल जान के ब्राण्डों की विदेशों में है धाक

यूएसए समेत 50 से अधिक देशों में है पहुंच

स्पिरिट बनाने वाली भारतीय कंपनी जॉन डिस्टिलरीज लिमिटेड (जेडीएल) कुछ नए वैश्विक ठिकाने तालाश रही है। कंपनी अपने पॉल जॉन सिंगल माल्ट (पीजेएसएम) व्हिस्की का निर्यात बढ़ा रही है। कंपनी इस समय अमेरिका, फ्रांस, संयुक्त अरब अमिरात और जापान समेत दुनिया के 50 देशों में पॉल जॉन सिंगल माल्ट व्हिस्की का निर्यात करती है। ईटी की एक खबर के मुताबिक जॉन डिस्टिलरी लिमिटेड अपने गोवा प्लांट में सिंगल माल्ट डिस्टिलरी की क्षमता विस्तार कर रही है। इसके लिए कंपनी ने वहां काफी निवेश भी किया है। कंपनी की योजना इस साल अक्टूबर से व्हिस्की के नए वेरिएंट लॉन्च करने की है। इससे देशी और विदेशी बाजारों में कंपनी की स्थिति मजबूत होगी। 100 करोड़ रुपये का हो चुका है निवेश

जेडीएल के चेयरमैन पॉल पी जॉन का

कहना है हमने अपनी गोवा डिस्टिलरी की क्षमता को लगभग तीन गुना बढ़ाकर 1.3 मिलियन लीटर से 3 मिलियन लीटर सालाना कर दिया है। हमने इस विस्तार में लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो वैश्विक और घरेलू बाजारों में PJSM व्हिस्की की बढ़ती मांग को पूरा करने में हमारी मदद करेगा। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी 50 से अधिक देशों में निर्यात करती है। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, 2023-24 में, जेडीएल ने अमेरिका, फ्रांस, यूएई और जापान जैसे 50 से अधिक देशों को पीजेएसएम व्हिस्की के लगभग 30,000 केस निर्यात किए। घरेलू बाजार में, स्पिरिट निर्माता ने लगभग 72,000 पीजेएसएम व्हिस्की केस बेचे। इसके इस समय 12 जगह डिस्टिलरी हैं जिनमें हर साल 24 मिलियन केस का उत्पादन होता है। कंपनी प्रीमियम रम और वोदका को भी रोल आउट करने की योजना बना रही है।

55 बिलियन डॉलर का बाजार

इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अल्कोहलिक बीवरेज की बिक्री अगले दस वर्षों में 7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने की उम्मीद है। वर्ष

2023 में, भारत में एल्को बेव बाजार का आकार करीब 55 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है जोकि साल 2021 में 52.4 बिलियन डॉलर का था। उल्लेखनीय है कि शराब पीने की कानूनी उम्र कम होने, मध्यम वर्ग की आबादी में प्रवेश करने वाले उपभोक्ताओं का एक बड़ा उभरता हुआ नया समूह और व्हिस्की की लोकप्रियता से विकास को बढ़ावा मिल रहा है। प्रीमियमाइजेशन भी सभी स्पिरिट कैटेगरी में विकास को और आगे बढ़ा रहा है।

क्या है शराब पीने की उम्र

भारत के अलग-अलग राज्यों में शराब पीने और खरीदने की उम्र एक समान नहीं है। पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय आदि में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 18 साल है। इन राज्यों के अलावा राजस्थान, गोवा, पहुंचेरी में भी शराब पीने और खरीदने की कानूनी उम्र 18 साल है। वहीं पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लेह-लद्दाख, उत्तराखंड में 21 साल के व्यक्ति शराब पी सकते हैं। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंड़ीगढ़ में यह उम्र 25 साल है।

 

 

सिंगल माल्ट व्हिस्की श्रेणी भारतीय ब्रांडों द्वारा है प्रेरित

महामारी के दौरान शुरू हुए प्रीमियमीकरण जो ग्राहकों को एक ब्रांड के लिए अधिक कीमत चुकाने के लिए प्रेरित करती है, की प्रवृत्ति से प्रेरित होकर, सिंगल माल्ट व्हिस्की, विशेष रूप से भारतीय ब्रांड, पिछले कुछ छ वर्षों वर्षों में में बहुत लोकप्रिय रहे हैं। लेकिन वैश्विक स्पिरिट सचिन मेहता निर्माता, विशेष रूप से सिंगल माल्ट बनाने वाले, इससे हैरान हैं। स्कॉटलैंड स्थित विलियम ग्रांट एंड संस जो ग्लेनफिडिच, ग्रांट, द बालवेनी और मंकी शोल्डर जैसे ब्रांड बनाता है, को उम्मीद है कि कई नए उपभोक्ता भारत से सिंगल माल्ट श्रेणी में प्रवेश करेंगे, जो अंततः कंपनी को अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

सचिन मेहता, कंपनी के कंट्री डायरेक्टर ने बताया कि वह 18 साल तक व्हिस्की भारत में बेच रही थी क्योंकि उसने एक दशक पहले यहां परिचालन शुरू किया था। विलियम ग्रांट अब कई और दुर्लभ सिंगल माल्ट वेरिएंट पेश कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत विलियम ग्रांट के लिए विश्व स्तर पर उसके अधिकांश ब्रांडों, विशेषकर व्हिस्की, के मामले में शीर्ष पांच बाजारों में से एक बनकर उभरा है। यह लोकप्रिय हेंड्रिक जिन भी बनाता है।

भारत व्हिस्की जैसी ब्राउन स्पिरिट का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। बढ़ती आय, बढ़ी हुई जागरूकता और अनेक विकल्पों के कारण टिप के उपभोग पैटर्न में बदलाव आ रहा है। पेय और पेय पदार्थ कंसल्टेंसी आईडब्लूएसआर के डेटा से पता चलता है कि भारत में समग्र एकल माल्ट व्यवसाय 2027 तक व्हिस्की श्रेणी के भीतर अधिकतम 5.5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। इसके विपरीत संपूर्ण अल्कोहल पेय उद्योग इस दौरान केवल 3.7 प्रतिशत बढ़ सकता है। इसके अलावा, पूरी व्हिस्की श्रेणी 2022 में 210 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2027 में 480 मिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।

 

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