प्रदेश सरकार ने वाइन उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत साल 2024-25 में वाइन उद्योग को 38 करोड़ 71 लाख 22 हजार 198 रुपए का अनुदान को मंजूरी दी है। इसमें नाशिक की सुला वाइनयार्ड्स, गुड ड्रॉप वाइन, वैलोन वाइनयार्ड्स समेत दूसरी कंपनियां है। राज्य उद्योग विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। इन वाइन उद्योग समूहों का साल 2018 से 2024 के बीच का अलग-अलग वर्षों का प्रोत्साहन अनुदान बकाया था। पुणे और सोलापुर के राज्य टैक्स सह आयुक्त ने वाइन उद्योगों को प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव राज्य के उद्योग विभाग के पास भेजा था। जिसके बाद उद्योग विभाग के आग्रह पर अब राज्य के वित्त विभाग ने वाइन उद्योग प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 8 समूहों के 21 दावे का निपटारा किया है।
राज्य के नाशिक सहित दूसरे जिलों में अंगूर का उत्पादन होता है। सरकार ने वाइन उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए अंगूर प्रक्रिया उद्योग नीति घोषित की है। इस नीति का लक्ष्य अंगूर उत्पादक किसानों का नुकसान टालना है। इसके तहत अंगूर की फसल लगाने और सूखा मेवा बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। इसके तहत राज्य में वाइन के उत्पादन और बिक्री पर अदा किए जाने वाले 20 प्रतिशत मूल्यवर्धित टैक्स भरने पर उसमें से 16 प्रतिशत टैक्स की राशि वाइन प्रोत्साहन अनुदान के रूप में वितरित की जाती है। सरकार ने उद्योग निदेशालय के माध्यम से 8 वाइन उद्योग समूहों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए मंजूरी दी है।
जगदीश होलकर, अध्यक्ष अखिल भारतीय वाइन उत्पादक संगठन के मुताबिक वाइन बिक्री को बढ़ावा देने नीति लचीला बनाए सरकार महाराष्ट्र में वाइन उद्योग लगभग एक हजार करोड रुपये का है। सरकार ने वैट रिफंड नीति के तहत वाइन समूहों को अनुदान मंजूर किया है। इस नीति के तहत सरकार से वाइन उत्पादकों को सुविधाएं मिल रही है। लेकिन सरकार को वाइन की बिक्री में होने वाली अडचन को दूर करना चाहिए। वाइन बिक्री को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को लचीला बनाना चाहिए।