व्हिस्की निर्माण के क्षेत्र में मोटे अनाजों का उपयोग वैश्विक स्तर पर बहुतायत में किया जाता है। अब भारत भी अपने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मोटे अनाजों का प्रयोग कर व्हिस्की निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। स्थानीय सामग्रियों के साथ नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाल ही में प्रमुख व्हिस्की उत्पादक Diageo और Pernod Record ने स्थानीय अनाजों जैसे बाजरा, चना और मक्का का उपयोग करना प्रारंभ कर दिया है। इसी संदर्भ में Diageo India की मुख्य विपणन अधिकारी रुचिरा जेटली ने बताया कि समृद्ध होता भारत वैश्विक संसाधनों पर निर्भरता के बजाय स्वदेशी संसाधनों का अन्वेषण करने में लगा हुआ है। Diageo भारत की पारिस्थितिक और आर्थिक सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे मोटे अनाजों से पर्यावरण अनुकूल उत्पाद बनाने के लिए
यथासंभव प्रयोग जारी रखा हुआ है। Pernod Record के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गगनदीप सेठी ने भी वैकल्पिक अनाजों के उपयोग पर प्रकाश डालते हुए इसके पर्यावरणीय लाभों के बारे में बताया। उन्हें उम्मीद है कि इससे किसानों को पानी के उपयोग और मीथेन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी और रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व Diageo ने स्थानीय रूप से प्राप्त जौ से
गोडावन व्हिस्की विकसित की थी जोकि राजस्थानी तकनीकी से प्रेरित है। Diageo India के चीफ इनोवेशन ऑफिसर विक्रम दामोदरन ने बताया कि नये स्वाद पर चल रहे उनके प्रयोगों में रागी और बंगाल ग्राम जैसे अनाज शामिल हैं। प्रमुख ब्रांड नेस्ले और आईटीसी की योजना पहले से ही अपने उत्पादों में मोटे अनाजों से बने उत्पाद को शामिल करने की है। हालिया रिपोर्ट से भी भारत में प्रीमियम स्पिरिट्स की बढ़ती लोकप्रियता का पता चला है जिसमें स्थानीय स्वाद और सामग्रियों का अधिकाधिक मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है।
भारत मोटे अनाजों (Millets) का सबसे
बड़ा उत्पादक है, इसके बाद नाइजर तथा चीन का स्थान आता है। यह दुनिया में मोटे अनाजों का वैश्विक केंद्र बनकर उभरा है। इसकी विविध उपयोगिता के दृष्टिगत संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाजों का वर्ष (International Year of Millets) घोषित किया था। भारत ने भी मोटे अनाजों को ‘श्री अन्न’ की संज्ञा देकर इसके महत्त्व को उजागर किया है। मोटे अनाज के अंतर्गत ज्वार, बाजरा, मक्का, जौ, फिंगर बाजरा और अन्य कुटकी जैसे कोदो, फॉक्सटेल, प्रोसो, बार्नयार्ड आदि आते हैं।
व्हिस्की एक आसवित मदिरा है जोकि बीयर और वाइन से अलग है। यह जौ, गेहूँ, मक्का, राइ जैसे अनाजों से निर्मित की जाती है। अनाजों से निर्मित की जाने वाली व्हिस्की मुख्यतः दो प्रकार की होती है पहली माल्ट व्हिस्की और दूसरी ग्रेन व्हिस्की। माल्ट व्हिस्की का निर्माण अंकुरित अनाज से तथा ग्रेन व्हिस्की का निर्माण अनाज के बिना अंकुरण के किया जाता है। माल्ट व्हिस्की महंगी और ग्रेन व्हिस्की सस्ती होती है। विश्व की प्रमुख व्हिस्कियो में स्कॉच, आयरिश, केनेडियन और अमेरिकी व्हिस्की शामिल है।