Tuesday, June 10, 2025

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शराब हुई महंगी, भाजपा की पुरानी नीति फिर लागू

प्रदेश में शराब की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। शराब की कीमतें बढ़ने पर इसका सबसे बड़ा असर शराब उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बढ़ी कीमतों के मुताबिक पत्वा से लेकर बंफर (बोतल) की खरीदी पर अब 10 रुपए से लेकर 200 रुपए तक ज्यादा देने पड़ रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछली सरकार के सभी टैक्स हटा कर नई नीति के तहत शराब की कीमतों में बढ़ोतरी की मंजूरी दी है।

प्रदेश में पहले देशी शराब प्लेन का पवा 80 रुपये में मिलता था अब 10 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। नए रेट के मुताबिक अब 90 रुपये पच्चा और बोतल 360 रुपए है। मसाला की कीमत 110 से बढ़कर 120 और बोतल 440, वहीं गोवा पव्वा की कीमत 100 से बढ़कर 110 रुपये है। बाकी अंग्रेजी पव्वे की बात करें तो ब्रांड देख-देखकर कीमतों में वृद्धि की गई है। नंबर वन और वोडका पच्चा अब 220 की बजाए 250 और बोतल 1000 रुपये में मिलेगा। रॉयल ग्रीन, मैजिक मूवमेंट पत्चा 250 और बोतल के लिए 100 रुपये देने होंग। वहीं रॉयल स्टेज का पव्वा 230 से बढ़कर 260 रूपए है। बियर में भी ब्रांड के हिसाब से कीमतों को बढ़ाया गया है।

मिलेगी अब ब्रांडेड शराब

छत्तीसगढ़ में सरकार ने पिछली शराब नीति को बंद कर अब पुरानी भाजपा सरकार की नीति को फिर से अपनाया है। ऐसे में अब आने वाले दिनों इसका असर भी शराब दुकानों में देखने को मिलेगा। और माना जा रहा है कि शराब प्रेमियों को अब ब्रांडेड शराब दुकानों से मिलने लगेगी। सरकार ने शराब की एफएल-10 लाइसेंस व्यवस्था को खत्म कर दिया है। इस फैसले के बाद सरकार ये दावा कर रही है कि शराब खरीदी में बिचौलियों का रोल पूरी तरह खत्म हो जाएगा। सरकार का ये भी आरोप है कि एफएल-10 लाइसेंस व्यवस्था की वजह से ही पिछली भूपेश सरकार में शराब के कारोबार में 2200 करोड़ का घोटाला हुआ।

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