मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 13 जुलाई को कहा कि तमिलनाडु निषेध संशोधन अधिनियम, 2024 लागू हो गया है। इस अधिनियम में अवैध शराब के निर्माण और बिक्री जैसे अपराधों के लिए बढ़ी हुई सजा और जुर्माने का प्रावधान किया है। यदि अब राज्य में अवैध शराब के सेवन से मौत होती है तो शराब तस्कर को आजीवन कारावास और कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना होगा। टीएन निषेध अधिनियम, 1937 को कल्लाकुरिची में जहरीली शराब त्रासदी के बाद संशोधित किया गया था। राज्यपाल ने अधिनियम को अपनी सहमति दे दी है। जिसके बाद यह अधिनियम राजपत्र में अधिसूचित किया गया है। जून में मेथनॉल युक्त अवैध शराब के सेवन से कल्लाकुरिची में 60 से अधिक लोगों की
मौत हो गई थी। संशोधित अधिनियम के पीछे का मकसद अपराधियों को कड़ी सजा सुनिश्चित कराना था ताकि राज्य में जहरीली शराब की त्रासदियों को रोका जा सके। जहरीली शराब के सेवन से होने वाली मौतों के मामले में शराब तस्करों के लिए आजीवन कारावास शामिल है। संशोधन अधिनियम की धारा 4, 5, 6, 7 और 11 के तहत विभिन्न अपराधों के लिए कारावास की अवधि और जुर्माने की मात्रा को काफी हद तक बढ़ा दिया गया है। अधिनियम में अधिकतम 10 साल की कठोर कारावास (आरआई) और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है।