इस बार जौ की बुवाई राजस्थान सहित सभी उत्पादक राज्यों में कम हुई थी, इसकी नई फसल राजस्थान एमपी में दो महीने से आ रही है, जिसमें शत प्रतिशत स्टॉक में जौ जा चुका है। इधर बीयर बनाने वाली कंपनियां भी २०७५/२१०० रुपए प्रति कुंतल पहुंच में माल खरीद रही हैं। उत्पादक मंडियों में इसके भाव १६७५/१७०० रुपए बिकने के बाद १७७५/१८०० रुपए प्रति कुंतल बोलने लगे हैं। गौरतलब है कि देश में सबसे अधिक जौ की बुवाई राजस्थान के जयपुर हनुमानगढ़ श्रीगंगानगर क्षेत्र में होती है। गत वर्ष इसमें किसानों को सीजन में अच्छे भाव नहीं मिलने से उनका मनोबल टूट गया था, जिसके चलते बुवाई कम होने से राजस्थान में जौ का उत्पादन १० लाख मीट्रिक टन के करीब गत वर्ष हुआ था, वह इस बार ८ लाख मीट्रिक टन रह जाने का अनुमान आ रहा है। यूपी में भी जौ का उत्पादन गत वर्ष के ७ मीट्रिक टन के मुकाबले ५ लाख मीट्रिक टन रह गया है। इसी तरह अन्य राज्यों में भी उत्पादन कम है इसलिए १९ लाख मीट्रिक टन के करीब उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है, जबकि गत वर्ष उत्पादन २५.५० लाख आबकारी टाइम्स । मई २०२४ मीट्रिक टन के करीब हुआ था। जौ की खपत दिन प्रति दिन पौष्टिक आहार वाली कंपनियों में बढ़ रहा है, लेकिन किसानों का रूझान इसकी बुवाई की बजाय गेहूं सहित सब्जियों को पैदा करने बना हुआ है।
जयपुर क्षेत्र में गत वर्ष किसानों की फसलआने पर १७५०/१८०० रुपए प्रति क्विंटल के बीच नमी के हिसाब से जौ बेचा गया था। इस समय नया जौ एमपी एवं राजस्थान की मंडियों में आ रहा है, उसके भाव १८५०/१९०० रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। उत्पादन में कमी को देखते हुए एमपी राजस्थान की मंडियों में जौ १८००/१८५० रुपए से नीचे जाना मुश्किल लग रहा है।