Saturday, November 8, 2025
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बीसीएमएल ने सरकार की बायोप्लास्टिक नीति को सराहा

बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड (बीसीएमएल) ने देश की पहली व्यापक बायोप्लास्टिक नीति जारी करने के लिए यूपी सरकार की सराहना की है। कंपनी ने कहा कि यह पहल प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने और 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य की ओर पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देने में मदद करेगी। बीसीएमएल के अध्यक्ष और एमडी विवेक सरावगी ने कहा कि बायोप्लास्टिक नीति सही दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। उन्होंने कहा, पारंपरिक प्लास्टिक के व्यापक उपयोग ने हमारे कार्बन फुटप्रिंट को बढ़ा दिया है, जिससे बायोप्लास्टिक की ओर बदलाव जरूरी हो गया है। भारत गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. जो बायोप्लास्टिक के लिए एक प्रमुख बायोमास स्रोत है, यह नीति न केवल प्लास्टिक कचरे को कम करने में मदद करती है, बल्कि एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था के लिए भारत के मार्ग को भी मजबूत करती है।

बीसीएमएल की कार्यकारी निदेशक अवंतिका सरावगी ने कहा, ‘यूपी सरकार की नीति भारत के स्वदेशी बायोप्लास्टिक उद्योग को आगे ले जाएगी, जिससे व्यवसायों को टिकाऊ मूल्य श्रृंखला में शामिल होने के लिए प्रेरणा मिलेगी। इसके कई लाभ हैंः प्लास्टिक प्रदूषण में कमी, उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन और कम जीएचजी उत्सर्जन के माध्यम से कार्बन फुटप्रिंट में उल्लेखनीय कमी इत्यादि ।’

बीसीएमएल का 2026 तक शुरू होगा बायोप्लास्टिक प्लांट

बलरामपुर चीनी मिल 23 हजार डॉलर के निवेश से बायोप्लास्टिक उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही है। यह संयंत्र 2026 से चालू हो जायेगा। यह पहल ऐसे समय में की गई है जब भारत में प्लास्टिक खासतौर पर सिंगल यूज प्लास्टिक का काफी उपयोग हो रहा है। कार्यकारी निदेशक अवंतिका सरावगी ने कहा है कि बायोप्लास्टिक भविष्य में सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प बन सकता है। भारत हर साल 4 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का आयात करता है। बलरामपुर चीनी मिल 75 हजार टन बायोप्लास्टिक की उत्पादन करेगी।

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