छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नॉर्थ ईस्ट फीड एंड एग्रो एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूपीसी संख्या 4226/2024) और वोडाबॉक्स इलेक्ट्रोमेक प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूपीसी संख्या 4235/2024) द्वारा दायर दो रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिसमें राज्य सरकार के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें उसने सीधे निर्माताओं से भारतीय और विदेश निर्मित शराब खरीदने का फैसला किया था। आपूर्ति श्रृंखला से बिचौलियों को प्रभावी रूप से हटाया जा सके इसलिए यह नीति लाई गई थी।
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की पीठ ने 4 सितंबर, 2024 को सुनाया। याचिकाओं पर अधिवक्ता मनोज परांजपे और अमृतो दास ने बहस की। जबकि प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत, सरकारी अधिवक्ता संघर्ष पांडे और मलय श्रीवास्तव ने किया। मामले की पृष्ठभूमि नॉर्थ ईस्ट फीड एंड एग्रो एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और बोडाबॉक्स इलेक्ट्रोमेक प्राइवेट लिमिटेड को 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल), विदेशी निर्मित विदेशी शराब (एफएमएफएल) और बीयर की आपूर्ति के अनुबंध दिए गए थे। ये अनुबंध छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) द्वारा जारी एफएल-10 (ए) लाइसेंस पर आधारित थे।
राज्य सरकार ने 11 जुलाई, 2024 को छत्तीसगढ़ विदेशी शराब नियम, 1996 के नियम 8 में संशोधन कर दिया। छत्तीसगढ़ राज्य पेय पदार्थ निगम (सीएसबीसी) निर्माताओं से सीधे आईएमएफएल और एफएमएफएल खरीदेगा। इस संशोधन के कारण मौजूदा अनुबंध और लाइसेंस रद्द कर दिए गए।
याचिकाकर्ताओं ने संशोधन को चुनौती देते हुए तर्क दिया कि उनके लाइसेंस और अनुबंधों को रद्द करना अवैध, मनमाना और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध था। उन्होंने 1 जुलाई, 2024 और 4 जुलाई, 2024 के आदेशों को रद्द करने के लिए
हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास शराब की बिक्री और आपूर्ति को विनियमित करने का अधिकार है और इस शक्ति में निर्माताओं से सीधे शराब खरीदने का अधिकार शामिल है, जिससे बिचौलियों को खत्म किया जा सके। न्यायालय ने टिप्पणी की न्यायालय से हस्तक्षेप करने की मांग की, जिसमें नई नीति को लागू किया गया था, और 31 मार्च, 2025 तक अपने आपूर्ति अनुबंध जारी रखने की अनुमति देने का अनुरोध किया। ‘जब राज्य ने स्वयं को ऐसे व्यापार या व्यवसाय को चलाने का विशेष अधिकार सुरक्षित रखा है, तो कोई भी राज्य के विरुद्ध व्यापार करने के समान अधिकार का दावा नहीं कर सकता।