रेड वाइन एचपीएमसी (हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन और प्रसंस्करण निगम) का राजस्व बढ़ा रही है। इसकी एक साल में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की वाइन राज्य में वाइन की ம் बढ़ती मांग के कारण एचपीएमसी ने पारला में एक नया प्लांट स्थापित किया है। इसकी क्षमता प्रति वर्ष एक लाख लीटर उत्पादन की है। अभी तक एचपीएमसी के पास सुंदरनगर के जडोल में पचास हजार लीटर क्षमता का ही प्लांट था, लेकिन अब जड़ोल में भी पचास हजार लीटर क्षमता का नया प्लांट स्थापित कर दिया गया है।इससे एचपीएमसी अब पहले की तुलना में चार गुना अधिक वाइन का उत्पादन कर सकेगी। अब पचास हजार की जगह दो लाख लीटर शराब का उत्पादन होगा। रेड वाइन की एक अच्छी बोतल (750 एमएल) खुले बाजार में ग्यारह से बारह सौ रुपये के बीच उपलब्ध है, जबकि एचएमसी रेड वाइन की कीमत रुपये 600 है। इस कारण एचपीएमसी से रेड वाइन की मांग अधिक है। इसी को ध्यान में रखते हुए नए प्लांट लगाए गए हैं।
एचपीएमसी आठ प्रकार के फलों से वाइन का उत्पादन करती है। रेड वाइन अंगूर से बनाई जाती है। वाइन सेब, आम, कीवी, स्ट्रॉबेरी, बेर के फूल और यहां तक कि संतरे और आलूबुखारे से बनाई जाती है। सबसे ज्यादा मांग रेड वाइन, एप्पल वाइन और ऑरेंज वाइन की है। सबसे महंगी रेड वाइन 600 रुपये प्रति बोतल, ऑरेंज वाइन 550 रुपये, एप्पल वाइन 370 रुपये प्रति बोतल बिकती है। अब पचास की जगह दो लाख लीटर की दर से शराब का उत्पादन होगा।