कर्नाटक सरकार ने शराब की कीमतों में संशोधन किया था। सरकार के अनुसार आबकारी नीति के तहत राज्य में स्थानीय खरीद को बढ़ावा देने और वित्तीय घाटे को कम करने के लिए कीमतें कम की गई थीं। ये नई कीमतें बीते 1 जुलाई से ही लागू होनी थीं। लेकिन संशोधन प्रक्रिया में देरी के कारण इन्हें 27 अगस्त से राज्यभर में लागू किया गया है। शराब की कीमतों में अब बड़ी कटौती हुई है, अब 551 से 650 रुपये में आने वाली शराब की बोतल लगभग 523 रुपये में मिलेगी।
जानकारी के अनुसार कर्नाटक सरकार ने प्रीमियम शराब के प्राइस स्लैब में कटौती की घोषणा की है। इससे पहले सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि रेट कम करने का उद्देश्य हाई क्वालिटी ब्रांड की शराब को अधिक किफायती बनाना और पड़ोसी राज्यों की तुलना में शराब की अधिक कीमतों के कारण राज्य को होने वाले राजस्व घाटे को कम करना है।
कुछ महीने पहले राज्य में कई बड़े ब्रांड की व्हिस्की, रम और जिन की कीमतों में वृद्धि हुई। बताया जा रहा है कि इस वजह से लोग अन्य राज्यों से शराब खरीदकर लाने लगे थे जिससे कर्नाटक सरकार को राजस्व में नुकसान हो रहा था। नए स्लैब के लागू होने से 20000 से ऊपर वाली शराब की बोतल पर करीब 3000 रुपये तक कम हो जाएंगे।
प्रीमियम शराब सस्ती और कम दाम वाली शराब हुई महंगी
दामों में आएगी 25 प्रतिशत तक की कमी प्रीमियम ब्रांड की शराब की कीमतों में करीब 15 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक की कमी की गई है। सरकार ने राज्य के आबकारी शुल्क और नियम 2024 में संशोधन किया है। इसके पहले जून में यह संशोधन किया गया था, जिसके बाद जुलाई के अंत में इसकी घोषणा की गई थी। अब सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे लागू कर दिया गया है। KARNATAKA STATE EXCEE
कुछ प्रीमियम शराब सस्ती हो गई है. जबकि कुछ कम कीमत वाली शराब 27 अगस्त से महंगी हो गई है। शराब की दरों में संशोधन, स्लैब के तर्कसंगतीकरण के बाद हुआ है। सरकार ने 23 अगस्त को बदलावों को अधिसूचित करते हुए 27 अगस्त को नई कीमतें लागू होने की तारीख अधिसूचित की थी। बेंगलूरु वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन के अनुसार, प्रीमियम शराब की निचली श्रेणी, जिसकी कीमत आमतौर पर 1,500 रुपए प्रति बोतल से अधिक होती है, उसमें लगभग 200 रुपए प्रति बोतल की कमी देखी जा सकती है। जबकि निचली श्रेणी की शराब में लगभग 50 से 100 रुपए प्रति बोतल की वृद्धि हो सकती
है। शराब व्यापारियों को उम्मीद है कि नई आबकारी व्यवस्था लागू होने के साथ ही पुराने स्टॉक पर उनकी बिक्री लागत में औसत वृद्धि होगी। सरकार ने 2024-25 के बजट में शराब की दरों को युक्तिसंगत बनाने की घोषणा की थी। मांग का अध्ययन करने के लिए गठित एक समिति ने स्लैब की संख्या 18 से घटाकर 16 करने के लिए नए स्लैब की सिफारिश की थी, लेकिन डिस्टिलर और सरकार के बीच दरों को लेकर असहमति के कारण दरों में संशोधन अधर में लटका हुआ था। नीति में बदलाव लागू होने में करीब एक सप्ताह का समय और लग सकता है। क्योंकि नए रेट कार्ड की घोषणा अभी भी होनी बाकी है