आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नितिन अग्रवाल ने विधान सभा के द्वितीय सत्र में विपक्ष द्वारा पूछे गये प्रश्न के जवाब में नितिन अग्रवाल कहा कि प्रदेश में संचालित 20 नशा निर्व्यसन केन्द्रों पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4820 लोगों को नशा मुक्त कराया गया है, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1196 व्यक्तियों को नशे से मुक्ति मिल चुकी है। 2012-13 से 2016-17 तक नशा मुक्ति केन्द्रों की संख्या घटती रही है। वर्ष 2012-13 में जहां 33 नशा मुक्ति केन्द्र प्रदेश में संचालित हो रहे थे, वहीं 2016-17 में घटकर मात्र 16 रह गये थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में गद्यनिषेध विभाग प्रदेश के नवजवानों को नशा से मुक्ति दिलाने के लिए जागरूक और सजग है।
प्रदेश सरकार ने ठाना है, नशामुक्त समाज बनाना है
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4820 लोगों की नशामुक्त कराया गया
- 1260 मधनिषेध निशांत्मक व खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन
- 1269 मानिषेम नॉलपेंटिंग का कार्य कराया गया • जागङकता के लिए 262 के मुकाबले 257 रैलियों का
आयोजन
मद्यपान एवं नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों को प्रचारित कर जनमानस में सचेतना जागृत करने का कार्य किया गया है, जिसके अंतर्गत 1260 मद्यनिषेध शिक्षात्मक एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है, जो निर्धारित लक्ष्य का शत-प्रतिशत है। मद्यनिषेध शिक्षात्मक एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं में 5040 छात्र, छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। इसी प्रकार निर्धारित लक्ष्य 1260 के सापेक्ष 1269 मद्यनिषेध वालपेंटिंग का कार्य कराया गया है। मद्यनिषेध से संबंधित 21 होर्डिंग लगवाई गई। जागरूकता के लिए 252 के सापेक्ष 257 मद्यनिषेध रैलियों का आयोजन कियागया, 1680 के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 1696 गोष्ठियां कराई गईं। 336 मद्यनिषेध प्रदर्शनियो लगाकर निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया गया। मद्यनिषेध के संबंध में जनजागरूकता के लिए 257 सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये गये। उन्होंने कहा कि प्रिंट इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से 36 मद्यनिषेध शिक्षात्मक प्रचारात्मक कार्य कराये गये। नशा छोड़ने और उपचार हेतु 3024 लोगों को प्रेरित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसको शत-प्रतिशत पूरा किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को भी पूरा किया जायेगा। प्रदेश में नशे के तस्कर और शराब माफियाओं परपूरी तरह से लगाम लगाई गई है तथा कड़ी कार्रवाई करते हुए शराब माफियाओं को जेल भेजा गया। आबकारी विभाग का राजस्व 14 हजार करोड़ से बढ़कर 50 हजार करोड़ रुपये हो गया है। मदिरा एवं रेस्टोबार में 21 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्तियों को मदिरा नहीं बेची जा रही है। 21 वर्ष से कम आयु वालों को मदिरा एवं बार में सेवायोजित नहीं किया जा रहा है। प्रदेश की सभी मदिरा की दुकानें एवं रेस्टोबार मद्यनिषेध अधिनियम का पालन कर रहे हैं। इसकी निगरानी के लिए नियमित रूप से प्रर्वतन की टीमें इसकी जांच भी कर रही हैं।