लंदन में आयोजित 2024 इंटरनेशनल स्पिरिट्स चैलेंज में अमृत डिस्टिलरीज को दुनिया की सबसे अच्छी व्हिस्की’ के खिताब से नवाजा गया। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चैलेंज के 29वें संस्करण में दुनियाभर के टॉप व्हिस्की ब्रांड शामिल थे। इनमें स्कॉटलैंड, आयरलैंड और जापान के प्रमुख व्हिस्की थे। अमृत भारत की पहली सिंगल माल्ट व्हिस्की है। इस ब्रांड को 1948 में जेएन राधाकृष्ण राव जगदाले ने शुरू किया था। उनके बेटे नीलकंठ जगदाले ने इसे आगे बढ़ाया। अमृत डिस्टिलरीज शुरुआत में इंडियन मेड फॉरेन लिकर (आईएमएफएल) बनाती थी। यह ज्यादातर कर्नाटक और केरल के कैंटीन स्टोर्स को सप्लाई होती थी। वर्तमान डिस्टिलरी 1987 में बनी थी। कंबीपुरा में यह चार एकड़ में फैली है। 1976 से नीलकंठ राव जगदाले बने सीएमडी 1976 में जेएन राव जगदाले के निधन के बाद उनके बेटे नीलकंठ राव जगदाले कंपनी के सीएमडी बने। उनके नेतृत्व में अमृत डिस्टिलरीज एक बहुराष्ट्रीय कंपनी बनी। भारत में ज्यादातर डिस्टिलरी उस समय शीरा से व्हिस्की बना रही थीं। लेकिन, जगदाले ने 1982 में जौ और माल्ट से प्रीमियम व्हिस्की बनाने का फैसला लिया। 1986 में अमृत डिस्टिलरीज ने कैंटीन स्टोर्स में प्रेस्टीज ब्लेंडेड माल्ट व्हिस्की लॉन्च की। शीरे के साथ-साथ अब कंपनी स्थानीय स्तर पर उगाए गए जौ का भी इस्तेमाल करने लगी। पहला बैच सिंगल माल्ट व्हिस्की बनाने में सिर्फ 18 महीने लगे। लेकिन कंपनी ने इसे सिंगल माल्ट के तौर पर बेचने के बारे में नहीं सोचा। दरअसल, उस समय भारत में सिंगल माल्ट पीने का चलन नहीं था। इस व्हिस्की को गन्ने से निकाले गए लिकर के साथ मिलाकर MaQintosh प्रीमियम व्हिस्की बनाई गई। अमृत ने माल्ट व्हिस्की को लगभग एक साल तक मैच्योर किया। अमृत डिस्टिलरीज के मास्टर ब्लेंडर रह चुके सुरिंदर कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि स्कॉटलैंड के बैरल में तीन साल भारत में एक साल के बराबर होते हैं। कंपनी ने गर्म जलवायु का फायदा उठाकर देश की सबसे बेहतरीन सिंगल-माल्ट व्हिस्की बनाई।
नीलकंठ राव जगदाले के बेटे रक्षित 2001 मे इंग्लैंड के न्यूकैसल में एमबीए कर रहे थे। कंपनी ने स्कॉटलैंड की Tatlock & Thomson Ltd. को कंसल्टेंट नियुक्त किया ताकि वह बेंगलुरु डिस्टिलरी को बेहतर बनाने में मदद कर सके। अमृत डिस्टिलरीज ने स्कॉटलैंड में अपनी सिंगल माल्ट व्हिस्की का ब्लाइंड टेस्ट करवाया। ज्यादातर लोगों ने इसे पसंद किया। इसकी तुलना Speyside सिंगल माल्ट से की।
‘अमृत सिंगल माल्ट व्हिस्की’ के नाम से 2004 में इस व्हिस्की को ग्लासगो, स्कॉटलैंड में लॉन्च किया गया। ब्रिटेन में लॉन्च होने के दो साल के भीतर ही यह स्कैंडिनेविया और पश्चिमी यूरोप में भी फैल गई। अगस्त 2009 में अमृत सिंगल माल्ट व्हिस्की ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च हुई। दक्षिण अफ्रीका में 2008 में लांच हुई थी। पिता के निधन के बाद रक्षित एन. जगदाले ने इस विरासत को आगे बढ़ाया।
उन्होंने इसे मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में संभाला। रक्षित ने आधुनिक बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई अहम बदलाव किए। वर्ष 2022 में जगदाले ने बताया था कि अमृत एक नया ब्रांड ‘सिंगल माल्ट्स ऑफ इंडिया’ लॉन्च करने जा रही है। इस प्रोजेक्ट के जरिए अमृत भारत के अलग-अलग हिस्सों से बेस स्पिरिट खरीदकर उन्हें अलग-अलग तरीकों से मैच्योर करके बेचेगी। इस रिसर्च का पहला नतीजा था अमृत नीधल पीटेड इंडियन व्हिस्की। इसे भारत के तटीय इलाकों से लाई गई बेस स्पिरिट से बनाया गया था। मिंट लाउंज की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी 12,000 बोतलों में से 1,200 बोतलें भारत में 5,996 रुपये में बिकीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जगदाले परिवार की नेटवर्थ 70,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
अमृत डिस्टिलरी को मिली पहचान
इस कार्यक्रम में डिस्टिलरी की प्रमुख सिंगल माल्ट अमृत फ्यूजन ने न सिर्फ गोल्ड जीता बल्कि ‘वर्ल्ड व्हिस्की कैटेगरी’ सहित कई श्रेणियों में और भी कई पुरस्कार जीते। वहीं, इंटरनेशनल स्पिरिट्स चैलेंज के पैनल ने अमृत डिस्टिलरी की अंधे स्वाद परीक्षणों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उनकी तारीफ की, जिससे उनकी बेहतरीन स्वाद और गुणवत्ता वाली व्हिस्की बनाने की प्रतिबद्धता का पता चलता है। कर्नाटक स्थित अमृत डिस्टिलरी ने वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है, जो दुनियाभर में व्हिस्की के शौकीन लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली नवाचार और परंपरा का एक अनूठे मिश्रण को उजागर करना है। वहीं, 2024 चैलेंज की मान्यता इसकी न सिर्फ ब्रांड की कारीगरी के प्रति समर्पण की पुष्टि करती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्पिरिट्स समुदाय में भारत की स्थिति को भी बढ़ाती है।