कभी उत्तर प्रदेश पिछड़ा और पिछड़े राज्यों से तुलना वाला राज्य हुआ करता था। राज्य सरकारों के नजरिए में आये बदलाव और उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के उचित दोहन से राज्य अब विकास के कई आयामों को प्राप्त कर चुका है। राज्य में लोगों की खरीदी क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है। सामान्य उपभोक्ता सामग्रियों से इतर रखी जाने वाली मदिरा भी अब उपभोग के नये-नये आयामों को प्राप्त कर रहा है। राज्य में सैकड़ों, हजारों से आगे लाखों की कीमत में मदिरा बेची और खरीदी जा रही है। पहले सबसे महंगी मदिरा के रूप में स्कॉच व्हिस्की को ही समझा जाता था
लेकिन फ्रांस जो शैम्पेन के लिए प्रसिद्ध है, वहां की रेमी मार्टिन की लुईस-13 कोग्नैक यूपी में पशुपति स्प्रिट्स कंपनी आयात कर 324200 रुपये में उपलब्ध करा रही है। मदिरा उपभोक्ताओं को स्कॉच व्हिस्की और उसमें भी सिंगल माल्ट स्कॉच आज कल कुछ ज्यादा ही पसंद आ रही है। हमारे देश में भी और यूपी में भी सिंगल माल्ट व्हिस्की उच्च गुणवत्ता वाली बन रही है जो अपने देश में ही नहीं विदेशों में भी अपने गुणवत्ता के झंडे गाड़ रहे हैं।
देश में सबसे अधिक मदिरा की खपत यूपी में होती है। आईएसडब्लूएआई के मुताबिक यूपी में भी प्रीमियम उपभोक्ता तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों की आमदनी में वृद्धि होने के साथ उनके रहन-सहन और खान पान में भारी बदलाव देखा जा रहा है। अभी भी महंगी मदिरा के साथ पार्टी करना स्टेटस सिंबल में शामिल है। प्रदेश में ऐसे उपभोक्ताओं के लिए शराब कंपनियां उच्च गुणवत्ता के साथ महंगे मदिरा ब्राण्ड उपलब्ध करा रही हैं।