अवैध शराब कारोबारी अवैध मदिरा के व्यापार के लिए नये-नये उपाय निकालते रहते हैं। ऐसे लोग अधिकारियों और प्रवर्तन दल से बचने के लिए कुछ ऐसी औषधियां जिनमें अल्कोहल मिलाई जाती हैं, को नशे के लिए बिक्री करते हैं। इन औषधियों में अल्कोहल की तय मात्रा से अधिक मिलावट की जाती है। इसी तरह टिंचर जो एक घातक औषधि है उसमें भी तय मात्रा से कम जहरीली बनाई जाती है ताकि उसे भी नशे के रूप में उपभोग किया जा सके। इस तरह की कई घटनाओं और दुर्घटनाओं के बाद आबकारी विभाग ने सख्त कदम उठाये हैं।
आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने 15 जुलाई को एक आदेश जारी कर यह निर्देश दिये हैं कि अल्कोहल युक्त औषधियों एवं टिंचर का शराब के रूप में दुरूपयोग कदापि न होने पाये। उन्होंने आबकारी अधिकारियों से कहा है कि ड्रग विभाग के सहयोग से ऐसे दुकानों का निरीक्षण कर वहां से नमूने भी लेकर उसकी जांच करायें। उन्होंने आबकारी अधिकारियों को अन्य प्रांतों की सीमाओं पर भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं।