प्रदेश की सभी बीयर दुकानों के लिए उपभोक्ताओं को बेची जाने वाली सभी कैन और बोतलों को पॉइंट- ऑफ सेल्स मशीनों के जरिए स्कैन करना अनिवार्य है। एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली (आईईएससीएमएस) के तहत भारत में निर्मित विदेशी शराब के खुदरा विक्रेता पहले से ही बोतलों और टेट्रा पैक पर चिपकाए गए बारकोड को ग्राहकों को सौंपने से पहले स्कैन कर रहे थे। अब बीयर की दुकान पर बेची जा रही इकाइयों का विवरण अपडेट करना भी अनिवार्य होगा। आईईएससीएमएस ने जिलों में डिस्टिलरी, ब्रूअरी, बॉटलिंग प्लांट, गोदाम, बांड और थोक गोदामों को एकीकृत किया है। अधिकारियों के मुताबिक 15 जुलाई से अनुपालन की जांच के लिए अभियान चलाया जाएगा।आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह ने कहा पायलट परियोजना को लागू किया जा रहा है और शराब व्यापार से जुड़ी सभी संस्थाओं और हितधारकों को धीरे- धीरे इसमें शामिल होना होगा।
सभी बीयर शॉप रिटेलरों को पीओएस सिस्टम का इस्तेमाल शुरू करने के लिए कहा गया है।’ प्रदेश भर में 30 हजार शराब की दुकानों में से 5800 उद्यमी बीयर की दुकानें चलाते हैं। नई व्यवस्था लागू होने होने से से व्यापार में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। साथ ही सभी खुदरा विक्रेताओं को डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए दुकानों में यूपीआई (एकीकृत भुगतान इंटरफेस) को प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। समस्या होने पर 14405 हेल्पलाइन नंबर पर अपनी समस्याएं और शिकायतें दर्ज कराया जा सकता है। शराब और बीयर के बोतलों पर चिपकने वाले लेबल के रूप में सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेबुल लगाया जायेगा। ऐसे लेबल पर आबकारी आयुक्त के हस्ताक्षर वाला एक तरह का उच्च सुरक्षा स्टीकर मौजूद होगा। फैक्सी माइल हस्ताक्षर आधारित लेबल निजी कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे जो आईईएससीएमएस प्रणाली को लागू कर रही है।