सोम डिस्टिलरी और ब्रुअरी ने प्रीमियमाइ जेशन की मांग में वृद्धि को देख रही हैं,
खासकर भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की में। कंपनी इसलिए विस्तार और नई पेशकशों की शुरूआत के लिए तैयारी कर रही है। कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जेके अरोड़ा ने एक बातचीत में बताया कि उपभोक्ता की पसंद में बदलाव हो रहा है। मुख्यत: यह दो कारणों से है। सबसे पहले, युवा पीढ़ी अब आय बढ़ने के साथ नई चीजों के साथ प्रयोग करना पसंद करती है। युवाओं को बीयर के लिए अतिरिक्त भुगतान करने में कोई आपत्ति नहीं है। दूसरा, स्कॉच श्रेणी के लिए भी प्रीमियममाइजेशन की प्रवृत्ति है। वर्तमान में, भारतीय सिंगल माल्ट घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात के माध्यम से भी लोकप्रियता हासिल कर रहा है और दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है। सोम डिस्टिलरी में हमारे पास सिंगल माल्ट से लेकर इकोनॉमी-रेंज व्हिस्की तक एक विस्तृत पोर्टफोलियो है। वर्तमान में ब्लैक लेबल व्हिस्की महंगी हो रही है, इसलिए, यदि उपभोक्ताओं का बजट सीमित है तो वे रेड लेबल का विकल्प चुनते हैं। जब सरकार कर बढ़ाती है तो उपभोक्ता बदलाव भी मूल्य निर्धारण पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि सोम डिस्टिलरी के पास ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड दोनों क्षेत्रों में ठोस विस्तार योजनाएं हैं। हम कम से कम १,००० करोड़ का निवेश उत्पाद सुविधा और विस्तार सहित नई व्यवस्थाओं में अगले तीन वर्षों में करने जा रहे हैं। हम अपने सभी क्षेत्रों में विकास को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि हम पैसे के बदले मूल्य पर रणनीति बनाते हैं। विकास बाज़ार पर भी निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में बेंगलुरु का बाज़ार परिदृश्य
बेलगाम से भिन्न है। हम अपने उत्पादों को सभी श्रेणियों- इकोनॉमी, मध्यम वर्ग, उच्च-मध्यम वर्ग और आम वर्ग में पेश कर रहे हैं। यह रणनीति बहुत कारगर रही है। हम कर्नाटक को देश की बीयर राजधानी मानते हैं, और पिछले चार वर्षों में बाजार हिस्सेदारी ३ प्रतिशत से बढ़कर १९-२० प्रतिशत हो गई है। नई उत्पाद श्रृंखला की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए अगले ३-६ महीनों में भारतीय सिंगल माल्ट, फ्लेवर्ड वोदका और प्रीमिट वुडपेकर बीयर पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। वुडपेकर प्रीमियम सबसे पहले कर्नाटक में लॉन्च होगा। उन्होंने बताया कि यूरोप, पश्चिम एशिया, अप्रâीका और अमेरिका से मांग होने के बावजूद, घरेलू बाजार में उल्लेखनीय उछाल का अनुभव हो रहा है। वर्तमान में, हम २६ देशों को निर्यात करते हैं और घरेलू स्तर पर उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं। बिक्री और विपणन रणनीति अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजारों के बीच काफी भिन्न होती है। भारत में फलने-फूलने के लिए बाजार हिस्सेदारी और उपस्थिति दर्ज कराना महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से हमनेअंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में बढ़ती प्रवृत्ति देखी है। भारतीय सिंगल माल्ट की अप्रâीका और पश्चिम एशिया में मांग हमारी ताकत का एहसास कराता है।